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Posted on 01/06/2022

शहीद दलबीर सिंह राजकीय महाविद्यालय खरखौदा में भारत माता के वीर सपूत शहीद दलबीर सिंह की पुण्यतिथि दिनांक 24-05-2022 को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन । खरखौदा के शहीद दलबीर सिंह राजकीय महाविद्यालय में मंगलवार को भारत माता के वीर सपूत शहीद दलबीर सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिंदी व इतिहास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस क्रम में महाविद्यालय प्रांगण में उपस्थित शहीद दलबीर सिंह जी के बड़े भाई ने अपने भाई के संपूर्ण जीवन से महाविद्यालय परिवार को परिचित कराया। इसी क्रम में कैप्टन जगबीर सिंह ने बताया कि आज के दिन दलबीर सिंह ने राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ऐसे वीर सपूतों को भुलाया नहीं जा सकता। ऐसे तो करोड़ों लोग इस संसार में जन्मते हैं लेकिन याद उन्हे ही रखा जाता है जो अपने प्राणों का पण लगाकर देश की रक्षा करते हैं। कैप्टन जगबीर सिंह ने दलवीर जी की पराक्रम कथा का वर्णन करते हुए बताया किस प्रकार उन्होंने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिये। इस अवसर पर रक्षा अध्ययन विभाग द्वारा एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें कर्नल मेहर सिंह दहिया, शौर्य चक्र प्राप्त कर्ता ने अपने जीवन अनुभवों से छात्र-छात्राओं को जागृत करने का सार्थक प्रयास किया। एक सैनिक होने के नाते उन्होंने शहादत का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताया कि किस प्रकार के आत्मिक भाव राष्ट्र के प्रति उत्पन्न होते हैं। यह भाव ही दुनिया में श्रेष्ठ और राष्ट्र रक्षा में सहायक बनते हैं। उन्होंने प्राचीन समय से लेकर अब तक का इतिहास उठाते हुए कहा कि हम सदा से स्वतंत्र प्रवृत्ति के रहे है। बाहर के आक्रमणकारी भी हमारे सामने आकर हारे हैं। जिसने भी दिल्ली पर कब्जा करने की ठानी उन्हें हमेशा हमसे टकराना पड़ा और हमारे अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पित भावना ने हमें उनको रोकने का जज्बा दिया और उन्होंने छात्र-छात्राओं को समय व्यर्थ में नष्ट न करने की सलाह दी और कहा कि आप लोगों को अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए और राष्ट्र को मजबूत बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि आपने जो समाज से लिया उसे वापस लौटाना चाहिए क्योंकि आत्मा को शांति तभी मिलती है जब हम समाज को अपने जीवन से बेहतर से बेहतर बनाने में सहयोग करते हैं। उन्होने छात्राओं की भी सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि राष्ट्र के आधे हिस्से को देशभक्ति की भावना से रहित नही रहना चाहिए। वर्तमान में लड़कियां भी सेना में भर्ती हो रही है और माँ भर्ती की रक्षा में तैनात है। इसी बीच कर्नल टेकचंद दहिया, अध्यक्ष भूतपूर्व, सैनिक संघ ने बताया कि सैनिक जीवन आसान नहीं है। यह एक अनुशासित जीवन है सभी इसका पालन नहीं कर सकते उन्होंने बताया कि किसी भी कार्य को करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। हम सभी कार्य कर सकते हैं बशर्ते हमें परिश्रम के महत्व को समझना होगा। साधन महत्व नहीं रखते महत्व रखती है हमारी विचारधारा। उन्होने विद्यार्थियों को सेना में भर्ती होकर देश रक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने परोपकार पर बल दिया भारतीय समाज की प्रवृत्ति पर बल देते हुए उन्होंने छात्र-छात्राओं को भी परोपकारी बनने पर बल दिया। इस कार्यक्रम का संयोजन तिरंगा युवा समिति, खरखौदा द्वारा किया गया जिसमें नवीन खांडा, सिनू सैनी, विकास, रोहित, नीरज रोहट, सोमवीर आर्य, कुलबीर सिंह, सत्येन्द्र आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर शहीद दलवीर सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती मीनाक्षी देवी को गणमान्य अतिथियों और महाविद्यालय प्राचार्या किरन सरोहा ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों ने कर्नल मेहर सिंह दहिया को भी उनके भारतीय सेना में अभूतपूर्व योगदान के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों द्वारा भाषण प्रतियोगिता में विजेताओं कों सम्मानित किया गया। इस अवसर पर किरन चौहान, डॉ. योगेश बाजवान, विनोद मलिक, प्रदीप कुमार, डॉ. कीर्ति खत्री, जगबीर सिंह आदि उपस्थित रहे।